Story in Hindi for Class 1 | बाल कहानी बच्चों के लिए | हिंदी में कहानी

कहानी का शीर्षक: काला चूहा, सफेद चूहा
एक बार की बात है कि दो मित्र पालतू जानवरों की एक दुकान पर जाते हैं और दो चूहे खरीदते हैं। एक का रंग सफेद होता है और दूसरे का काला। दोनों चूहे भी आपस में मित्र होते हैं पर अब उन्हें एक दूसरे से अलग होकर रहना होगा।
दोनों मित्र एक-एक चूहा लेकर अपने घर आ जाते हैं।
कुछ दिनों बाद काले चूहे वाला लड़का अपने मित्र के घर जाता है और अपने चूहे को भी साथ ले जाता है।



दोनों चूहे एक दूसरे को मिलकर बहुत खुश होते हैं। काला चूहा बताता है कि वह बहुत अच्छे से रह रहा है क्योंकि उसके लिए एक नया लकड़ी का घर बनाया गया है और उसमें साफ बर्तनों में उसके लिए भोजन और पानी रखा जाता है। उसके सोने के लिए एक छोटा सा बिस्तर भी बनाया गया है।
सफेद चूहा उदास होकर कहता है कि उसके साथ तो बहुत बुरा होता है। उसे फर्श पर ही सोना पड़ता है और खाने में जूठन ही मिलती है। वो लगभग ही रो ही पड़ता। उसकी दशा देखकर काले चूहे को भी बहुत दुख हुआ।
दोनों ने एक युक्ति सोची कि यदि सफेद चूहे को उसके वाला लड़का छोड़ दे तो वो भी काले चूहे के साथ रह सकेगा। बस वे दोनों अवसर की प्रतीक्षा करने लगे।
कुछ दिनों बाद, सफेद चूहे वाला लड़का अपने मित्र के घर जाता है। सफेद चूहा यही तो चाहता था। वो वहाँ पहुँचकर बहुत ही विचित्र व्यवहार करने लगा। जिस पिंजरे में उसे ले गए थे, उसे अपने दाँतों से काटने लगा। ऊँचे स्वर में चिल्लाने लगा और इधर-उधर घूमने लगा। उसके वाला लड़का बहुत परेशान हो गया और उसने अपने मित्र से पूछा कि क्या वो सफेद चूहे को भी अपने पास रख लेगा। वो लड़का मान गया।
बस, सफेद चूहा मन-ही-मन बहुत खुश हुआ। वो यही चाहता था कि वो भी काले चूहे वाले लड़के के पास रहे।
उसे वहीं छोड़कर दूसरा लड़का अपने घर चला गया। काले चूहे वाले लड़के ने, सफेद चूहे के लिए भी वैसी ही व्यवस्था कर दी और दोनों चूहे आनन्द से वहाँ रहने लगे।
शिक्षा: धैर्य और युक्ति से बिगड़ा काम भी बन सकता है।





